नोटबंदी से भारतीय अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर पड़ने की आशंका के बीच एक अच्छी खबर यह है कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के मामले में भारत ने ब्रिटेन को पीछे छोड़ दिया है. फोर्ब्स में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार 2020 तक भारतीय अर्थव्यवस्था के ब्रिटेन से आगे निकलने की उम्मीद थी. लेकिन, बीते 12 महीने में डॉलर के मुकाबले पाउंड की कीमत में लगभग 20 फीसदी की गिरावट से इसमें तेजी आ गई. इस वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था ने 2016 में ही यह मुकाम हासिल कर लिया है.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भी आठ अक्टूबर को ऐसा ही पूर्वानुमान पेश किया था. इसमें कहा गया था कि मौजूदा वित्त वर्ष के अंत तक जीडीपी के मामले में भारत ब्रिटेन से आगे निकल जाएगा. इसके साथ ही 18 दिसंबर को गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने इस तथ्य का जिक्र करते हुए एक ट्वीट किया था कि जीडीपी के मामले में ब्रिटेन को पीछे छोड़कर अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी के बाद भारत पांचवां देश बन गया है.
फोर्ब्स की रिपोर्ट के अनुसार इस साल ब्रिटेन की जीडीपी 1.83 खरब पाउंड यानी प्रति डॉलर 0.81 पाउंड की दर से 2.29 खरब डॉलर है. इसकी तुलना में भारत की 153 खरब रुपये की जीडीपी प्रति डॉलर 66.6 रुपये की दर से 2.30 खरब डॉलर होती है, जो ब्रिटेन से ज्यादा है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दोनों अर्थव्यवस्थाओं के बीच जीडीपी का यह अंतर आने वाले समय में और बढ़ सकता है, क्योंकि यूरोपीय संघ से अलग होने के बाद ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था कमजोर पड़ जाएगी.
जीडीपी के मामले में भारत भले ही ब्रिटेन से आगे निकल रहा हो, लेकिन प्रति व्यक्ति आय के मामले में मात खा रहा है. इसकी वजह ब्रिटेन की तुलना में भारत की विशाल जनसंख्या है. ब्रिटेन में इस समय प्रतिव्यक्ति आय तकरीबन 44 हजार डॉलर है जबकि भारत में तकरीबन 1500 डॉलर. फोर्ब्स की रिपोर्ट में भारत की जीडीपी में तेजी लाने वाले कारणों का भी जिक्र किया गया है और 1991 में आर्थिक सुधारों को अपनाने वाली तत्कालीन सरकार को इसका श्रेय दिया गया है.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भी आठ अक्टूबर को ऐसा ही पूर्वानुमान पेश किया था. इसमें कहा गया था कि मौजूदा वित्त वर्ष के अंत तक जीडीपी के मामले में भारत ब्रिटेन से आगे निकल जाएगा. इसके साथ ही 18 दिसंबर को गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने इस तथ्य का जिक्र करते हुए एक ट्वीट किया था कि जीडीपी के मामले में ब्रिटेन को पीछे छोड़कर अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी के बाद भारत पांचवां देश बन गया है.
फोर्ब्स की रिपोर्ट के अनुसार इस साल ब्रिटेन की जीडीपी 1.83 खरब पाउंड यानी प्रति डॉलर 0.81 पाउंड की दर से 2.29 खरब डॉलर है. इसकी तुलना में भारत की 153 खरब रुपये की जीडीपी प्रति डॉलर 66.6 रुपये की दर से 2.30 खरब डॉलर होती है, जो ब्रिटेन से ज्यादा है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दोनों अर्थव्यवस्थाओं के बीच जीडीपी का यह अंतर आने वाले समय में और बढ़ सकता है, क्योंकि यूरोपीय संघ से अलग होने के बाद ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था कमजोर पड़ जाएगी.
जीडीपी के मामले में भारत भले ही ब्रिटेन से आगे निकल रहा हो, लेकिन प्रति व्यक्ति आय के मामले में मात खा रहा है. इसकी वजह ब्रिटेन की तुलना में भारत की विशाल जनसंख्या है. ब्रिटेन में इस समय प्रतिव्यक्ति आय तकरीबन 44 हजार डॉलर है जबकि भारत में तकरीबन 1500 डॉलर. फोर्ब्स की रिपोर्ट में भारत की जीडीपी में तेजी लाने वाले कारणों का भी जिक्र किया गया है और 1991 में आर्थिक सुधारों को अपनाने वाली तत्कालीन सरकार को इसका श्रेय दिया गया है.
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