बनारस: वो 20 दिसम्बर 2013 की एक सर्द सुबह थी। चुनावी साल 2014 के शुरू होने में अब बस गिनती के दिन ही शेष थे। गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं, तभी मुख्य मंदिर से बिल्कुल सटे ज्ञानवापी मस्जिद के परकोटे से बनारस के दो मुस्लिम बालकों की आवाज सुनाई देती है, ”अ सलाम वालेकुम मोदी अंकल”। यकीनन काशी विश्वनाथ मंदिर में बनारस की गंगा-जमुनी तहजीब ने ही उनका पहला अभिवादन किया था।
बनारस को उस (20 दिसम्बर 2013 के) दिन भी यह आभास नहीं था कि मोदी द्वारका से हस्तिनापुर पहुंचने के लिए वाया काशी रूट का इस्तेमाल करने की योजना बनाने ही यहां पहुंचे हैं। आखिरकार कुछ महीनों के इंतजार के बाद 15 मार्च 2014 को दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में बीजेपी के वरिष्ठ नेता शहनवाज हुसैन और अंनंत कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस की और मीडिया के सामने भाजपा के लोकसभा उम्मीदवारों की चौथी लिस्ट जारी की गई।
लिस्ट में 67वें स्थान पर नरेन्द्र मोदी के नाम का जिक्र था और उसके सामने लोकसभा क्षेत्र के तौर पर बनारस के नाम की आधिकारिक घोषणा हो चुकी थी। अचानक ही पूरे देश और विदेशी मीडिया के केंद्र में बनारस आ चुका था। इसके बाद जो कुछ भी हुआ वो इतिहास है।
मोदी जी से है काशी को उम्मीदें
ऊपर की घटनाएं तकरीबन दो साल पहले की हैं और आज की तारीख इस बात की तस्दीक करती है कि मोदी अब इस शहर के सांसद हैं। इस बीच मोदी कई बार बनारस आए और संग ले आए कई योजनाएं, घोषणाएं और ढेर सारी उम्मीदें।
इस पुरातन और बेलौस शहर की अपनी कुछ मांगें हैं अपने ही कुछ नियम और कायदे भी हैं। खुद को हर वक्त भोले भंडारी से जोड़कर रखने वाले इस शहर के लोगों की अपेक्षाएं भले बड़ी ना हों लेकिन मोदी से उनकी आशाएं खासी लंबी-चौड़ी हैं। शायद मोदी भी इस बात को अच्छी तरह से समझते हैं।
बनारस के लिए मोदी ने बना रखी है तगड़ी टीम
भारत संघ के प्रधानमंत्री पद की बेहद चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारी संभालने वाले नरेन्द्र मोदी भले ही अपने संसदीय क्षेत्र की जनता से पूरी तरह ना जुड़ पाते हों लेकिन इसका हल भी उन्होंने निकाल रखा है। काशी में नरेन्द्र मोदी का एक संसदीय कार्यालय है जिसे बनारसी अमूमन मिनी पीएमओ कहकर पुकारते हैं। यहां मोदी के प्रधान सचिव नृपेन्द्र मिश्रा, संयुक्त सचिव ए के शर्मा, डिप्टी सेक्रेटरी मयूर माहेश्वरी और शहरी विकास मंत्रालय में संयुक्त सचिव प्रवीण आकाश का दौरा अमूमन हर हफ्ते ही होता है। इसके अलावा मोदी के विश्वस्त सलाहकारों की टीम भी पर्दे के पीछे रहकर बनारस का दौरा करती रहती है।
ऐसे कार्य करता है मिनी पीएमओ
मिनी पीएमओ नियमित तौर से आम लोगों की समस्याओं को अलग-अलग श्रेणियों में बांटता है और हर रोज ईमेल के जरिए आमजन की समस्याओं को नई दिल्ली स्थित पीएम कार्यालय भेजा जाता है। इस बाद की अच्छे से तस्दीक कर ली जाती है कि इन आमजनों से जुड़े खतों को तीन श्रेणियों में बांटा जाए। बनारस के आमजनों की ओर से मिलने वाली शिकायतों को मांग, सुझाव और शिकायत की श्रेणी में बांटकर उन्हें पीएमओ भेजने की व्यवस्था बनाई गई है। हालांकि ये भी एक तथ्य है कि इस ‘मिनी पीएमओ’ में आने वाली ज्यादातर शिकायतें स्थानीय प्रशासन और प्रदेश सरकार से जुड़ी हुई होती हैं। तब भी उन्हें संबंधित विभागों तक पहुंचा दिया जाता है।
मेहरबान हैं सांसद मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बनारस को लेकर कितने गंभीर हैं इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि शहर और इसके नागरिकों के विकास से जुड़ी लगभग दो दर्जन से भी ज्यादा परियोजनाएं पीएम की प्राथमिकता में सबसे ऊपर हैं। इनमें इन्फ्रास्ट्रक्चर, बिजली, डिजिटल कनेक्टिविटी, टूरिज्म, सॉफ्ट स्क्िल सहित अन्य क्षेत्रों से जुड़ी योजनाएं शामिल हैं। आइए जानते हैं किन-किन योजनाओं पर सांसद नरेन्द्र मोदी हैं गंभीर।
आधारभूत संरचना
1. सड़क निर्माण के लिए अबतक कुल 14030 करोड़ रुपए की मंजूरी मिल चुकी है।
2. वाराणसी को अन्य जिलों से जोड़ने वाली 1000 किमी से ज्यादा लंबी सड़कों की मरम्मत और चौ़ड़ीकरण योजना।
3. सारनाथ रोड का सौंदर्यीकरण और चौड़ीकरण।
4. वाराणसी से आजमगढ़, सुल्तानपुर, गोरखपुर और औरंगाबाद तक सड़कों के लिए धनराशि मंजूर हो चुकी है।
5. पर्यटन के लिहाज से विरासत स्थलों से जुड़ी 34 सड़कों को हृदय योजना के तहत 34 करोड़ रुपए दिए।
6. बाबतपुर हवाई अड्डे से शहर तक 22 करोड़ रुपए के खर्च से सड़क की मरम्मत पूर्ण।
7. हवाईअड्डे से शहर तक सड़क चौड़ीकरण के लिए 630 करोड़ रुपए।
8. पहले रोजाना 9 फ्लाइट थीं, अब 22 चलती हैं।
9. वाराणसी से शारजाह के लिए सीधी फ्लाइट।
10. अंधरापुर का चौड़ीकरण 1.49 करोड़ रुपए में।
11. देश में बनी आधुनिक डिब्बों वाली महामना एक्सप्रेस वाराणसी से दिल्ली के लिए चलाई गई।
बिजली
1. आइपीडीएस के तहत भूमिगत केबलिंग का काम 572 करोड़ रुपए।
2. 84 घाटों पर एलईडी लाइट और 2 लाख घरों में एलईडी, 21 करोड़ रुपए।
3. शहर के बाकी हिस्सों में एलईडी लगाने के लिए निगम से करार पर बातचीत जारी।
4. ग्रामीण क्षेत्रों के लिए दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना से 314 करोड़ रुपए की मंजूरी।
डिजिटल कनेक्टिविटी
1. 7 घाटों पर वाई-फाई की सुविधा।
2. 9 जगहों पर हॉट स्पॉट और बाकी जगहों पर काम जारी।
टूरिज्म
1. यूनेस्को ने क्रिएटिव सिटी नेटवर्क में वाराणसी को शामिल किया है। काशी-क्योटो समझौते के तहत विशाल कनवेंशन सेंट का र्निमाण पाइपलाइन में है।
2. प्रसाद योजना के तहत वाराणसी को मिले हैं 20 करोड़ रुपए।
सॉफ्ट स्किल
1. बुनकर यहां के मुख्य वाशिन्दे हैं, लिहाजा दिल्ली हॉट की तरह ही यहां भी बन रही 281 करोड़ की परियोजना।
2. बुनकरों के लिए ब्लॉक स्तर पर 7 कॉमन फैसिलिटी सेंटर, जिसमें 10 प्रतिशत कम दाम पर धागा, रेशम, सूती, डाई और केमिकल दिया जाता है।
अन्य कार्य
1. स्वच्छता अभियान।
2. 15 वॉर्डों में घर-घर सफाई का काम।
3. 1,100 ई-रिक्शे बांटे गए। 11 हजार का लक्ष्य।
4. 11 ई-बोट शुरू। सभी 2000 के करीब नावों को ई-बोट में बदलने का लक्ष्य।
5. गंगा में जलशववाहिनी।
6. दिव्यांगों के लिए 10 हजार ट्राईसाइकिल और टूल किट।
7. पीएम राहत कोष से क्षेत्र के 102 लोगों को 1.8 करेाड़ रुपए की सहायता।
केंद्र और राज्य सरकार के बीच फंसी हैं ये योजनाएं
1. अमृत योजना
2. जायका योजना
3. जेएनएनयूआरएम
4. रिंग रोड
5. सॉलिड वेस्ट
अपने लोकसभा क्षेत्र के लिए सांसद मोदी की सोच
वाराणसी लोकसभा क्षेत्र के सांसद नरेन्द्र मोदी की टीम यहां काफी सक्रिय है। हालांकि, टीम मोदी का मानना है कि राज्य सरकार के अड़ंगों की वजह से बनारस में काम की गति वैसी नहीं है, जैसी होनी चाहिए। टीम की मानें तो मोदी अपने क्षेत्र के लिए एक सांसद के तौर पर ही कार्य करना चाहते हैं।
दरअसल प्रधानमंत्री अपने पद के प्रभाव का इस्तेमाल बनारस में नहीं करना चाहते। बल्कि वे एक सांसद की हैसियत से ही वाराणसी को आदर्श संसदीय क्षेत्र बनाना चाहते हैं, ताकि बाकी सांसदों को इससे प्रेरणा मिल सके
आंकड़े व स्रोत : एक प्रख्यात राष्ट्रीय हिन्दी मैगजीन।
बनारस को उस (20 दिसम्बर 2013 के) दिन भी यह आभास नहीं था कि मोदी द्वारका से हस्तिनापुर पहुंचने के लिए वाया काशी रूट का इस्तेमाल करने की योजना बनाने ही यहां पहुंचे हैं। आखिरकार कुछ महीनों के इंतजार के बाद 15 मार्च 2014 को दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में बीजेपी के वरिष्ठ नेता शहनवाज हुसैन और अंनंत कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस की और मीडिया के सामने भाजपा के लोकसभा उम्मीदवारों की चौथी लिस्ट जारी की गई।
लिस्ट में 67वें स्थान पर नरेन्द्र मोदी के नाम का जिक्र था और उसके सामने लोकसभा क्षेत्र के तौर पर बनारस के नाम की आधिकारिक घोषणा हो चुकी थी। अचानक ही पूरे देश और विदेशी मीडिया के केंद्र में बनारस आ चुका था। इसके बाद जो कुछ भी हुआ वो इतिहास है।
मोदी जी से है काशी को उम्मीदें
ऊपर की घटनाएं तकरीबन दो साल पहले की हैं और आज की तारीख इस बात की तस्दीक करती है कि मोदी अब इस शहर के सांसद हैं। इस बीच मोदी कई बार बनारस आए और संग ले आए कई योजनाएं, घोषणाएं और ढेर सारी उम्मीदें।
इस पुरातन और बेलौस शहर की अपनी कुछ मांगें हैं अपने ही कुछ नियम और कायदे भी हैं। खुद को हर वक्त भोले भंडारी से जोड़कर रखने वाले इस शहर के लोगों की अपेक्षाएं भले बड़ी ना हों लेकिन मोदी से उनकी आशाएं खासी लंबी-चौड़ी हैं। शायद मोदी भी इस बात को अच्छी तरह से समझते हैं।
बनारस के लिए मोदी ने बना रखी है तगड़ी टीम
भारत संघ के प्रधानमंत्री पद की बेहद चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारी संभालने वाले नरेन्द्र मोदी भले ही अपने संसदीय क्षेत्र की जनता से पूरी तरह ना जुड़ पाते हों लेकिन इसका हल भी उन्होंने निकाल रखा है। काशी में नरेन्द्र मोदी का एक संसदीय कार्यालय है जिसे बनारसी अमूमन मिनी पीएमओ कहकर पुकारते हैं। यहां मोदी के प्रधान सचिव नृपेन्द्र मिश्रा, संयुक्त सचिव ए के शर्मा, डिप्टी सेक्रेटरी मयूर माहेश्वरी और शहरी विकास मंत्रालय में संयुक्त सचिव प्रवीण आकाश का दौरा अमूमन हर हफ्ते ही होता है। इसके अलावा मोदी के विश्वस्त सलाहकारों की टीम भी पर्दे के पीछे रहकर बनारस का दौरा करती रहती है।
ऐसे कार्य करता है मिनी पीएमओ
मिनी पीएमओ नियमित तौर से आम लोगों की समस्याओं को अलग-अलग श्रेणियों में बांटता है और हर रोज ईमेल के जरिए आमजन की समस्याओं को नई दिल्ली स्थित पीएम कार्यालय भेजा जाता है। इस बाद की अच्छे से तस्दीक कर ली जाती है कि इन आमजनों से जुड़े खतों को तीन श्रेणियों में बांटा जाए। बनारस के आमजनों की ओर से मिलने वाली शिकायतों को मांग, सुझाव और शिकायत की श्रेणी में बांटकर उन्हें पीएमओ भेजने की व्यवस्था बनाई गई है। हालांकि ये भी एक तथ्य है कि इस ‘मिनी पीएमओ’ में आने वाली ज्यादातर शिकायतें स्थानीय प्रशासन और प्रदेश सरकार से जुड़ी हुई होती हैं। तब भी उन्हें संबंधित विभागों तक पहुंचा दिया जाता है।
मेहरबान हैं सांसद मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बनारस को लेकर कितने गंभीर हैं इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि शहर और इसके नागरिकों के विकास से जुड़ी लगभग दो दर्जन से भी ज्यादा परियोजनाएं पीएम की प्राथमिकता में सबसे ऊपर हैं। इनमें इन्फ्रास्ट्रक्चर, बिजली, डिजिटल कनेक्टिविटी, टूरिज्म, सॉफ्ट स्क्िल सहित अन्य क्षेत्रों से जुड़ी योजनाएं शामिल हैं। आइए जानते हैं किन-किन योजनाओं पर सांसद नरेन्द्र मोदी हैं गंभीर।
आधारभूत संरचना
1. सड़क निर्माण के लिए अबतक कुल 14030 करोड़ रुपए की मंजूरी मिल चुकी है।
2. वाराणसी को अन्य जिलों से जोड़ने वाली 1000 किमी से ज्यादा लंबी सड़कों की मरम्मत और चौ़ड़ीकरण योजना।
3. सारनाथ रोड का सौंदर्यीकरण और चौड़ीकरण।
4. वाराणसी से आजमगढ़, सुल्तानपुर, गोरखपुर और औरंगाबाद तक सड़कों के लिए धनराशि मंजूर हो चुकी है।
5. पर्यटन के लिहाज से विरासत स्थलों से जुड़ी 34 सड़कों को हृदय योजना के तहत 34 करोड़ रुपए दिए।
6. बाबतपुर हवाई अड्डे से शहर तक 22 करोड़ रुपए के खर्च से सड़क की मरम्मत पूर्ण।
7. हवाईअड्डे से शहर तक सड़क चौड़ीकरण के लिए 630 करोड़ रुपए।
8. पहले रोजाना 9 फ्लाइट थीं, अब 22 चलती हैं।
9. वाराणसी से शारजाह के लिए सीधी फ्लाइट।
10. अंधरापुर का चौड़ीकरण 1.49 करोड़ रुपए में।
11. देश में बनी आधुनिक डिब्बों वाली महामना एक्सप्रेस वाराणसी से दिल्ली के लिए चलाई गई।
बिजली
1. आइपीडीएस के तहत भूमिगत केबलिंग का काम 572 करोड़ रुपए।
2. 84 घाटों पर एलईडी लाइट और 2 लाख घरों में एलईडी, 21 करोड़ रुपए।
3. शहर के बाकी हिस्सों में एलईडी लगाने के लिए निगम से करार पर बातचीत जारी।
4. ग्रामीण क्षेत्रों के लिए दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना से 314 करोड़ रुपए की मंजूरी।
डिजिटल कनेक्टिविटी
1. 7 घाटों पर वाई-फाई की सुविधा।
2. 9 जगहों पर हॉट स्पॉट और बाकी जगहों पर काम जारी।
टूरिज्म
1. यूनेस्को ने क्रिएटिव सिटी नेटवर्क में वाराणसी को शामिल किया है। काशी-क्योटो समझौते के तहत विशाल कनवेंशन सेंट का र्निमाण पाइपलाइन में है।
2. प्रसाद योजना के तहत वाराणसी को मिले हैं 20 करोड़ रुपए।
सॉफ्ट स्किल
1. बुनकर यहां के मुख्य वाशिन्दे हैं, लिहाजा दिल्ली हॉट की तरह ही यहां भी बन रही 281 करोड़ की परियोजना।
2. बुनकरों के लिए ब्लॉक स्तर पर 7 कॉमन फैसिलिटी सेंटर, जिसमें 10 प्रतिशत कम दाम पर धागा, रेशम, सूती, डाई और केमिकल दिया जाता है।
अन्य कार्य
1. स्वच्छता अभियान।
2. 15 वॉर्डों में घर-घर सफाई का काम।
3. 1,100 ई-रिक्शे बांटे गए। 11 हजार का लक्ष्य।
4. 11 ई-बोट शुरू। सभी 2000 के करीब नावों को ई-बोट में बदलने का लक्ष्य।
5. गंगा में जलशववाहिनी।
6. दिव्यांगों के लिए 10 हजार ट्राईसाइकिल और टूल किट।
7. पीएम राहत कोष से क्षेत्र के 102 लोगों को 1.8 करेाड़ रुपए की सहायता।
केंद्र और राज्य सरकार के बीच फंसी हैं ये योजनाएं
1. अमृत योजना
2. जायका योजना
3. जेएनएनयूआरएम
4. रिंग रोड
5. सॉलिड वेस्ट
अपने लोकसभा क्षेत्र के लिए सांसद मोदी की सोच
वाराणसी लोकसभा क्षेत्र के सांसद नरेन्द्र मोदी की टीम यहां काफी सक्रिय है। हालांकि, टीम मोदी का मानना है कि राज्य सरकार के अड़ंगों की वजह से बनारस में काम की गति वैसी नहीं है, जैसी होनी चाहिए। टीम की मानें तो मोदी अपने क्षेत्र के लिए एक सांसद के तौर पर ही कार्य करना चाहते हैं।
दरअसल प्रधानमंत्री अपने पद के प्रभाव का इस्तेमाल बनारस में नहीं करना चाहते। बल्कि वे एक सांसद की हैसियत से ही वाराणसी को आदर्श संसदीय क्षेत्र बनाना चाहते हैं, ताकि बाकी सांसदों को इससे प्रेरणा मिल सके
आंकड़े व स्रोत : एक प्रख्यात राष्ट्रीय हिन्दी मैगजीन।
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